थायरॉयड ग्रंथि हमारे गले के सामने स्थित एक छोटी सी ग्रंथि है, जो शरीर के मेटाबॉलिज़्म और हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती है। कई बार इसमें गाँठ (nodule), बढ़त (goiter), या कैंसर जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, जिनका इलाज दवाइयों से संभव नहीं होता और सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
पारंपरिक थायरॉयड सर्जरी में गले के बीच में बड़ा चीरा लगाया जाता था, जिससे बाद में एक स्थायी निशान रह जाता है। लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान ने प्रगति की है और एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी (Endoscopic Thyroidectomy) जैसी तकनीक से सर्जरी करना संभव है। यह तकनीक कम दर्दनाक है और सौंदर्य की दृष्टि से भी बेहतर मानी जाती है।
एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी क्या है?
एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी एक मिनिमली इनवेसिव सर्जरी है, जिसमें थायरॉयड ग्रंथि को हटाने के लिए गले पर बड़ा चीरा लगाने की ज़रूरत नहीं होती।
इसके बजाय, बहुत छोटे–छोटे चीरे (cuts) बनाए जाते हैं, जिनसे एक एंडोस्कोप (camera) और विशेष उपकरण डाले जाते हैं। डॉक्टर कैमरे की मदद से स्क्रीन पर अंदर का दृश्य देखकर सर्जरी करते हैं।
यह सर्जरी किन मरीजों के लिए है?
एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी मुख्य रूप से उन मरीजों के लिए की जाती है जिन्हें:
- थायरॉयड में छोटी गाँठ (benign nodule) है।
- थायरॉयड गोइटर (गले में थायरॉयड का बढ़ना)।
- शुरुआती स्टेज का थायरॉयड कैंसर।
- बार–बार होने वाली थायरॉयड की समस्या।
नोट: अगर गाँठ बहुत बड़ी हो, कैंसर एडवांस्ड स्टेज में हो या पहले गले पर कोई बड़ी सर्जरी हो चुकी हो, तो यह तकनीक उपयुक्त नहीं रहती।
एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी के फायदे
- गले पर बड़ा निशान नहीं पड़ता – यह तकनीक अक्सर बगल (axilla), छाती (chest) या कान के पीछे (retroauricular) से की जाती है।
- कम दर्द और जल्दी रिकवरी।
- सौंदर्य की दृष्टि से बेहतर – खासकर महिलाओं के लिए, जिन्हें गले पर दाग–धब्बा नहीं चाहिए।
- कम रक्तस्राव (less bleeding) और संक्रमण का कम खतरा।
- मरीज 2-3 दिन में सामान्य जीवन की ओर लौट सकता है।
यह प्रक्रिया कैसे की जाती है?
- मरीज को जनरल एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) दी जाती है।
- डॉक्टर बगल, छाती या कान के पीछे 3-4 छोटे चीरे लगाते हैं।
- एंडोस्कोप कैमरा और सर्जिकल उपकरण अंदर डाले जाते हैं।
- कैमरे की मदद से स्क्रीन पर देखकर थायरॉयड ग्रंथि को सुरक्षित तरीके से निकाला जाता है।
- चीरे को टांकों से बंद कर दिया जाता है।
पूरी प्रक्रिया सामान्यतः 1.5 से 2 घंटे में पूरी हो जाती है।
संभावित जोखिम और सावधानियाँ
हर सर्जरी की तरह इसके भी कुछ छोटे जोखिम हो सकते हैं:
- गले में हल्का दर्द या सूजन।
- आवाज़ बैठना (vocal cord weakness) – जो ज्यादातर अस्थायी होती है।
- कैल्शियम का स्तर कम होना (parathyroid gland पर असर पड़ने से)।
- संक्रमण या खून का रिसाव।
लेकिन अच्छे अस्पताल और अनुभवी सर्जन के साथ ये समस्याएँ बहुत कम होती हैं।
निष्कर्ष
एंडोस्कोपिक थायरॉयडेक्टॉमी आधुनिक तकनीक से की जाने वाली सुरक्षित और प्रभावी सर्जरी है, जो न केवल थायरॉयड की समस्या का समाधान करती है बल्कि मरीज को बिना दाग–धब्बे के स्वस्थ जीवन की ओर लौटने में मदद करती है।
अगर आपके डॉक्टर ने थायरॉयड सर्जरी की सलाह दी है, तो उनसे ज़रूर पूछें कि क्या आपके लिए एंडोस्कोपिक तकनीक संभव है।
क्योंकि आज की दुनिया में इलाज केवल स्वस्थ होने का ही नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने का भी सवाल है।