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घर पर Self Breast Examination कैसे करें? जानिए सही तरीका और ज़रूरी बातें।

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में महिलाएं अपने परिवार और काम की ज़िम्मेदारियों में इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि अक्सर अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ कर देती हैं। ख़ासतौर पर ब्रेस्ट हेल्थ के मामले में आज भी जानकारी की कमी, शर्म या डर के कारण महिलाएं ज़रूरी जांच नहीं कर पातीं।

जबकि आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर साल लाखों महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है। अच्छी बात ये है कि यदि इसकी पहचान शुरुआत में ही हो जाए, तो इलाज सफल और आसान होता है। यही कारण है कि हर महिला को Self Breast Examination यानी घर पर स्वयं स्तन की जांच के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

यह लेख आपको बताएगा कि Self Breast Exam क्या है, इसे कब और कैसे किया जाए, और किन संकेतों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Self Breast Examination क्या है?

Self Breast Examination (SBE) का मतलब है कि आप खुद, घर पर, अपने स्तनों की जांच करेंताकि किसी भी असामान्य बदलाव को समय रहते पहचाना जा सके। यह एक बेहद आसान प्रक्रिया है जिसमें आपको केवल अपने शरीर को समझने और महसूस करने की ज़रूरत होती है।

Self Breast Examination करने का सही समय

हर महीने पीरियड्स के समय महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसलिए ब्रेस्ट की जांच का सबसे अच्छा समय होता है:

  • हर महीने पीरियड्स खत्म होने के 5 से 10 दिन बाद
    इस समय ब्रेस्ट सबसे ज़्यादा सामान्य अवस्था में होते हैं।
  • मेनोपॉज़ के बाद की महिलाएं महीने की कोई भी एक तारीख तय कर सकती हैं।

Self Breast Exam का तरीकास्टेप बाय स्टेप गाइड

Self Breast Exam को आप तीन आसान चरणों में कर सकती हैं:

1. आईने के सामने जांच करें (Visual Inspection)

  • बिना कपड़ों के आईने के सामने खड़ी हो जाएं।
  • अपने हाथों को तीन बार अलगअलग तरीकों से रखें:
    1. सीधे शरीर के किनारे
    2. सिर के पीछे
    3. कमर पर दबाव देते हुए आगे झुककर

ध्यान दें:
ब्रेस्ट का आकार, रंग, स्किन में गड्ढा, सिकुड़न, सूजन या निप्पल की दिशा में कोई बदलाव तो नहीं है? अगर हां, तो यह संकेत हो सकता है कि कुछ असामान्य हो रहा है।

2. खड़े होकर या बैठकर स्पर्श द्वारा जांच करें (Standing/Sitting Palpation)

  • दाएं हाथ से बाएं ब्रेस्ट और बाएं हाथ से दाएं ब्रेस्ट को जांचें।
  • उंगलियों की पोरों से गोलगोल घूमते हुए ब्रेस्ट के हर हिस्से को धीरेधीरे महसूस करें।
  • जांचें कि कहीं कोई गांठ, कठोर हिस्सा या असामान्य बदलाव तो नहीं है।

सुझाव:
यह जांच आप नहाते समय कर सकती हैं, जब त्वचा गीली और चिकनी होती है, जिससे बदलाव महसूस करना आसान होता है।

3. लेटकर जांच करें (Lying Down Palpation)

  • एक तकिया पीठ के नीचे रखें और पीठ के बल लेट जाएं।
  • दाएं हाथ को सिर के पीछे रखें और बाएं हाथ से दाएं ब्रेस्ट की जांच करें।
    फिर दूसरी ओर यही प्रक्रिया दोहराएं।

लेटकर जांच करने से ब्रेस्ट टिशू फैल जाता है, जिससे गांठ या असमान हिस्से आसानी से महसूस हो सकते हैं।

किन संकेतों पर सतर्क हो जाएं?

अगर Self Breast Exam करते समय आपको नीचे दिए गए कोई भी लक्षण नज़र आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • ब्रेस्ट में कोई नई गांठ या असमान सख्त हिस्सा
  • निप्पल से खून या दूध जैसा डिस्चार्ज
  • स्किन में गड्ढा, लाली या जलन
  • निप्पल का अंदर की तरफ मुड़ना
  • ब्रेस्ट का आकार अचानक बदल जाना
  • लगातार दर्द, जलन या भारीपन

कितनी बार करनी चाहिए Self Breast Examination?

हर महिला को महीने में एक बार Self Breast Examination ज़रूर करनी चाहिए। यह आदत आपकी सेहत की सुरक्षा बन सकती है। अगर आप 40 वर्ष से ऊपर हैं या आपके परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर रहा है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतना और डॉक्टर से नियमित जांच कराना बहुत ज़रूरी है।

निष्कर्ष: जागरूकता ही पहला इलाज है

Self Breast Exam एक साधारण लेकिन प्रभावशाली तरीका है अपनी सेहत के प्रति सजग रहने का। यह सिर्फ शारीरिक जांच नहीं, बल्कि अपने शरीर को समझने और सम्मान देने की प्रक्रिया है।

महिलाएं अपनी सेहत की पहली रक्षक खुद हैं।
तो इस महीने की शुरुआत अपने लिए कीजिए
10
मिनट Self Breast Examination के नाम।

याद रखें:
ब्रेस्ट कैंसर से डरिए मत, उसे समय रहते पहचानिए। खुद से की गई छोटी सी जांच, आपकी ज़िंदगी बचा सकती है।”

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